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खंडहर वा जर्जर बिल्डिंग में चल रही है तहसील व एस.डी.एम.कार्यालय बस स्टैंड के यात्रिओं सहित आम लोगों पर गिर रहा है छत के टुकड़े

खंडहर वा जर्जर बिल्डिंग में चल रही है तहसील व एसडीएम कार्यालय नीचे संचालित है लगभग 200दुकाने बस स्टैंड के यात्रिओं सहित आम लोगों पर गिर रहा है छत के टुकड़े प्रशासन कर रहा है किसी हादसे का इंतजार वकीलों सहित दुकानदारों कि भवन से विस्थापन को लेकर आवाज हो रही मुखर।

सीधी जिले में बहरी तहसील वा एस डी एम कार्यालय है जो गंभीर जर्जर खंडहर बिल्डिंग में चल रही है
बिल्डिंग कब धशक जाए,कब बड़ा हादसा हो जाए यह कहना संभव नहीं है।

ग्राउंड जीरो पर पहुंची द चाणक्य टाइम्स टीम से बात करते वकीलों एवं दुकानदारों ने बताया कि बिल्डिंग पके आम की तरह सड़ चुकी है कब टपक जाए और बड़ा हादसा हो जाए अंदाजा लगाना मुश्किल है
तहसील एस डी एम कार्यालय विस्थापना को लेकर प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों का ध्यान कई बार आकर्षण कराया गया लेकिन उनके कानों में अब तक जूं नहीं रेंगी है।

अगर हम बात करें तो ग्राम पंचायत के द्वारा जर्जर बिल्डिंग में संचालित दुकानों से₹400 प्रति माह की दर से किराया भी वसूला जाता है बावजूद इसके यह पैसा ग्राम पंचायत के किस विकास कार्य में लगाया जाता है यह जानकारी तो सरपंच महोदय ही बता सकते हैं
फिलहाल दुकान दारों ने बताया कि ग्राम पंचायत को भी नई बिल्डिंग निर्माण कर विस्थापन को लेकर कई बार अवगत कराया गया लेकिन ग्राम पंचायत की भी सक्रियता नजर नहीं आ रही है
बताया जाता है कि यह बिल्डिंग लगभग 30 वर्ष पुरानी है और इसकी समय सीमा पूर्ण हो रही है अब यह डेट एक्सपायर बिल्डिंग में संचालित शासकीय कार्यालय कार्यरत कर्मचारीयो एवं व्यापारियों और यात्रियों के ऊपर कब बड़ा हादसा हो जाए इस बात की चिंता तनिक भी शासन प्रशासन को नहीं है
जबकि चाहे सत्ता पक्ष व विपक्ष की बात करें तो वह बड़े-बड़े मंचों से जनता के सामने लुभावनी बातें कर जनता के हितैषी बनते नजर आते हैं

लेकिन समय रहते इनको इतनी बड़ा संभावित हादसा नजर नहीं आ रहा है।
सवाल यह उठता है कि क्या हादसे के बाद परिजनों के आंसू पोंछने पहुंच जाने से लोगों की जिंदगीयां वापस हो जाएगी या फिर मुआवजा रस देने से जबकि इसके पूर्व में जिला प्रशासन की उदासीनता से नहर बस हादसे जैसे कई बड़े हादसे हो चुके हैं लेकिन अंधा और बहरा शासन प्रशासन आंख में पट्टी और कान में कपास लगाए इसी का आनंद लेने में मस्त हैं और समय रहते लापरवाही पर सावधानी बरतना तानिक भी दिखाई नहीं रहा है। फिलहाल यह खबर को लेकर द चाणक्य टाइम्स की टीम आमजन एवं शासन प्रशासन तक को जगाने के लिए ग्राउंड जीरो पर उतरी है
अगर जन प्रतिनिधि और प्रशासन इस मुद्दे पर पहल नहीं करते तो द चाणक्य टाइम्स न्यूज़ कि तहकीकात निरंतर जारी रहेगी जब तक बिल्डिंग से शासकीय कार्यालय दुकानों का विस्थापन नहीं हो जाता।

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