दादी रतन मोहिनी जी की शिक्षाएं सदैव रहेंगी प्रेरणास्त्रोत : राम कुमार गुप्ता ब्रह्माकुमारी सेवा केंद्र गांधीनगर में श्रद्धांजलि सभा आयोजित
सिंगरौली। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय, गांधीनगर स्थित मुख्य सेवा केंद्र पर आज ब्रह्माकुमारी संस्थान की अंतरराष्ट्रीय मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी डॉ. दादी रतन मोहिनी जी को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। दादी जी के दिव्य जीवन और सेवाओं को स्मरण करते हुए राम कुमार गुप्ता ने कहा कि “दादी जी की आवाज में ऐसी ऊर्जा थी जो लोगों में उमंग और उत्साह भर देती थी। वे सदा स्मरण रहेंगी।”
कार्यक्रम में बताया गया कि दादी जी का जन्म 25 मार्च 1925 को हैदराबाद, सिंध (अब पाकिस्तान) में हुआ था। उनका प्रारंभिक नाम लक्ष्मी था। मात्र 12 वर्ष की आयु में उन्होंने ब्रह्माकुमारी संस्थान से जुड़कर अपना जीवन समर्पित कर दिया। 12 वर्ष की आयु से लेकर 101 वर्ष की आयु तक उन्होंने देश-विदेश में जाकर राजयोग मेडिटेशन द्वारा लाखों लोगों को तनावमुक्त और आध्यात्मिक जीवन जीने की प्रेरणा दी।
बीके रेखा बहन ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि “जब माउंट आबू में दादी जी से मिलते थे, तो लगता था जैसे किसी दिव्य शक्ति से साक्षात्कार हो रहा हो। उनका प्रेममयी व्यक्तित्व हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करता था। उनके सान्निध्य में वातावरण स्वतः ही शुभ और शांतिमय हो जाता था।”
दादी जी की शिक्षाओं, आदर्शों और सकारात्मक ऊर्जा की सभी ने सराहना की। श्रद्धांजलि सभा में शिव बाबा को भोग अर्पित किया गया और दादी जी को भी विशेष भोग स्वीकार कराया गया।
इस अवसर पर राम कुमार गुप्ता (पूर्व नगर मंडल अध्यक्ष), जसराम गुप्ता, सूरज तोमर, कृष्ण मुरारी गुप्ता, दीनदयाल गुप्ता, गुरु नारायण गुप्ता, पूरन ओझा, बिना तोमर, गुड़िया तोमर, केशा शर्मा, कमला तोमर, सरोज गुप्ता सहित सैकड़ों भाई-बहनों ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए और संकल्प लिया कि दादी जी की शिक्षाओं को अपने जीवन में आत्मसात करेंगे।
रिपोर्टर कुबेर तोमर