द चाणक्य टाइम्स सीधी 4जुलाई2024। मध्य प्रदेश सरकार जहां एक ओर आदिवासियों की हितैषी बताती है और आदिवासियों को लेकर भले ही कई कड़े कानून बनाए हो लेकिन यहां तो जिले में बैठे इस तरह के भ्रष्ट राजस्व अधिकारियों एवं दवांगो के सामने सारे कानून फेल नजर आ रहे हैं
पूरा मामला यह है कि जिला मुख्यालय से लगभग 15 किलोमीटर की दूर स्थित बसे सोन नदी के किनारे ग्राम भेलकी में पंचुआ कोल आराजी खसरा क्र०225,226एवं227 जो मध्य प्रदेश शासन दर्ज अभिलेख भूमियां थी जिस भूमि पर मकान बना कर लगभग विगत 30 वर्षों से निवास रत थे।
ग्राउंड जीरो पर पहुंची मीडिया को फरियादी गणों ने जानकारी देते हुए बताया कि म०प्र० शासन की भूमि का फर्जी तरीके से पट्टा सुशीला देवी पति अम्बुजा तिवारी निवासी ग्राम सलँहा तहसील चुरहट जिला सीधी के द्वारा तैयार करा लिया गया तत्पश्चात उक्त भूमि से फरियादी गड़ों को बेदखल किया जा रहा है।
28.जून.2024 को समय करीब 02 बजे दिन उक्त अम्बुजा प्रसाद तिवारी ने नायब तहसीलदार निवेदिता त्रिपाठी एवं उनके सहकर्मियों के साथ एक राय होकर पहुंचे एवं फरियादियों के मकान पर धावा बोल दिये और पूरे घर का खपड़ा एवं शीट, पर बुलडोजर कार्यवाही कर चकनाचूर कर दिए तथा मजदूरों के साथ मिलकर प्रार्थीगणों का मकान ध्वस्त कर दिये घर के अन्दर रखे कपड़ा व बर्तन को नेस्तनाबूत कर दिये।
ऐसे में अब आदिवासी गरीब परिवार पेड़ वृक्ष के नीचे भरी बरसात में जीवन यापन करने को मजबूर है।
उक्त कार्यवाही नायब तहसीलदार प्रभारी सेमरिया निवेदिता त्रिपाठी अनावेदक गणों से साथ गांठ कर एवं सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक अच्छी खासी मोटी रकम लेकर जिनके उपस्थिति में एवं कहने पर उक्त भूमि पर बसे गरीब आदिवासियों को भरी बरसात में घर गिरा कर घर से बेघर कर दिया गया है
अ.जा.क. थाने में दिए शिकायती पत्र के मुताबिक एवं आवेदक गणों के कथन अनुसार नायब तहसीलदार निवेदिता त्रिपाठी ने बगैर किसी सक्षम न्यायालय के आदेश वा बगैर नोटिस वारंट जारी किए ही आदिवासियों के घर को ध्वस्त कराकर इस बरसात के मौसम में बेघर किया गया है इस प्रकार से उनके द्वारा आदिवासियों के ऊपर अत्याचार किया गया है ।
वही घर ध्वस्त एवं पूर्णता बेघर हुए आदिवासी परिवार अपनी फरियाद लेकर आ. जा. क. थाने पहुंच कर ऐसी परिस्थिति में निवेदिता त्रिपाठी एवं उनके सहकर्मी राजस्व निरीक्षक व पटवारी एवं अम्बुजा तिवारी तथा सुशीला तिवारी, बड़कौना केवट, अजय तिवारी के विरुद्ध अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम
के तहत मामला पंजीबद्ध करने को लेकर आवेदन पत्र दिए है
फरियादी आदिवासी परिवार ने आगे जानकारी देते हुए यह भी बताए हैं कि 29.जून.2024 को सुबह करीब 09 बजे अम्बुजा तिवारी हम लोगों के घर के पास आये और अभद्र मां बहन की गाली गलौज करते हुए बोले कि हम फौजी है हमें 10 खून माफ है
गवार और जाति सूचक शब्दों का उपयोग करते हुए कहा कि उक्त आराजी से हट जाओ गंवारो नही तो तुम लोगों को यही पर सूंट कर दूंगा मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है
जिससे हम प्रार्थीगण काफी भयभीत है उक्त सरहंग सामान्य वर्ग के है उक्त लोगों के द्वारा कभी भी हम लोगों के साथ गंभीर घटना कारित कर सकते है।
अतः उक्त सुशीला तिवारी, अम्बुजा तिवारी, निवेदिता त्रिपाठी, बड़कौना केवट, अजय तिवारी, मुन्नू तिवारी के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध
एवं कार्यवाही की मांग की है।
उक्त मामले को लेकर क्या सच्चाई है इस बात की पुष्टि मीडिया नहीं करती लेकिन भरी बरसात में किसी गरीब आदिवासी को घर से बेघर कर देना कितना न्याय उचित है यह आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं।
बहरहाल पीड़ित परिवार ने अ.जा.क. थाने में शिकायती आवेदन पत्र देकर उक्त लोगों के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की है अब देखना यह होगा कि प्रशासन द्वारा क्या कुछ आदिवासी परिवार के आवेदन पत्र में कार्यवाही हो पाती है या नहीं यह देखने वाली बात होगी।