MP politics भोपाल:* साल के अंत में मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस पार्टी अपना पूरा जोर लगा रही है. खासकर पार्टी का फोकस उन सीटों पर है. जहां पर पार्टी कमजोर है. इसी क्रम में कमलनाथ और दिग्विजय सिंह लगे हुए हैं. बता दें पीसीसी चीफ कमलनाथ पर पूरी तरह से दिग्विजय सिंह पर पर भरोसा आज भी बरकरार है. इसी के चलते इस जिम्मेदारी को वो बहुत अच्छे से निभा रहे हैं…
बता दें कि पीसीसी चीफ कमलनाथ का पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर भरोसा बरकरार है. दिग्गी एक बार फिर कमजोर विधानसभाओं में पहुंचेंगे. 10 मई से दिग्विजय सिंह 31 विधानसभाओं के दौरे पर निकलेंगे.वह बाकी बची 31 विधानसभा सीटों पर पहुंचकर संगठन की बैठक करेंगे. दिग्विजय सिंह का यह दौरा 10 मई से शुरू होकर 2 जून तक चलेगा. वो अपने दौरे की शुरुआत विंध्य के रीवा से करेंगे…
*कांग्रेस का फोकस कमजोर सीटों पर*
दिग्विजय सिंह अब तक 19 जिलों की 35 विधानसभा सीटों पर संगठन की बैठकें कर चुके हैं. दिग्विजय सिंह कांग्रेस के लिए 66 कमजोर विधानसभा सीटों पर पहुंचकर मंडलम सेक्टर में सभा कर संगठन में जान फूंकने की कोशिश कर रहे हैं…
गौरतलब है कि दिग्विजय सिंह कई बार भले ही कांग्रेस को अपने बयानों से मुश्किलों में डाल देते हैं, लेकिन इसके बावजूद भी आज भी मध्य प्रदेश की राजनीति में और खासकर कांग्रेस में दिग्विजय सिंह की प्रासंगिकता है. 2018 के विधानसभा चुनाव में अगर कांग्रेस की सरकार आई तो उसमें दिग्विजय सिंह की भी बड़ी भूमिका थी. दिग्विजय सिंह ने उस समय कई किलोमीटर की नर्मदा यात्रा की थी. आज भी हर जिले में दिग्विजय सिंह के कार्यकर्ता हैं. इसलिए संगठन दिग्विजय सिंह पर इतना भरोसा करता है…