गंजरी स्कूल के शिक्षकों ने दिखाई मानवता घायल व्यक्ति की बचाई जान घने जंगल में बेहोशी की हालत में मिले युवक को शिक्षकों ने पहुंचाया अस्पताल
सीधी 10 अप्रैल 2025 चाणक्य टाइम सीधी कुबेर तोमर
सीधी, मझौली।
सीधी जिले के मझौली संकुल केंद्र अंतर्गत स्थित गंजरी शासकीय हाई स्कूल के शिक्षकों ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया कि शिक्षक केवल शैक्षणिक दायित्व तक सीमित नहीं रहते, बल्कि संकट की घड़ी में सच्चे समाजसेवक के रूप में सामने आते हैं। मंगलवार को घने जंगलों के बीच सड़क किनारे अचेत अवस्था में पड़े एक घायल व्यक्ति को समय रहते सहायता पहुंचाकर शिक्षकों ने उसकी जान बचाई।
घटना उस समय की है जब विद्यालय के शिक्षक मझौली किसी शासकीय कार्य से गए हुए थे। लौटते समय घनघोर जंगलों के बीच सड़क किनारे एक व्यक्ति अचेत अवस्था में पड़ा मिला। शिक्षकों ने तत्काल मानवीय संवेदना का परिचय देते हुए नजदीकी नदी से पानी लाकर उसके चेहरे पर छींटे मारे, जिससे वह कुछ देर में होश में आ गया।
होश में आने के बाद उस व्यक्ति ने अपना नाम मोहम्मद राशिव मुस्लिम, निवासी करणपुर बेल्दह बताया। उन्होंने बताया कि वे मोटरसाइकिल से मझौली से अपने गांव लौट रहे थे, तभी रास्ते में बंदरों के एक झुंड ने हमला कर दिया। घबराकर मोटरसाइकिल का संतुलन बिगड़ गया और वह डिवाइडर से टकरा गई। इस दुर्घटना में उनका हाथ टूट गया और वे अचेत हो गए।
घटना की गंभीरता को समझते हुए शिक्षकों ने तुरंत 108 एम्बुलेंस सेवा को सूचित किया और एक घंटे तक मौके पर रुककर एम्बुलेंस के आने का इंतजार किया। बाद में घायल व्यक्ति को मझौली स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया, जहां उसका उपचार जारी है।
इस नेक कार्य में गंजरी स्कूल के निम्नलिखित शिक्षकों की सक्रिय भूमिका रही: साधू साकेत, दीपक सिंह, विक्रम टैगोर, बृजमोहन शर्मा, शिवनारायण सिंह, बाल्मीक सिंह, शुभम सिंह वाघेल, सुदामा सिंह, अमर सिंह, उपेन्द्र सिंह और बुद्धसेन बैगा।
स्थानीय लोगों ने शिक्षकों की इस सेवा भावना की खुले दिल से सराहना की है। इस घटना ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि शिक्षक न केवल ज्ञान का दीप जलाते हैं, बल्कि जरूरत के समय समाज के सच्चे सेवक भी बनकर सामने आते हैं।