प्रदेश में घट रहा शिक्षा का ग्राफ चिंता का विषय क्या होगा इन मासूम बच्चों का भविष्य है। जय सिंह चौहान(राजू)।
द चाणक्य टाइम्स सीधी। प्रदेश में इन दिनों शिक्षा का स्तर बद से बदतर होता नजर आ रहा है और अब शिक्षा एक व्यापार तक सीमित रह गई है यह एक आने वाले भविष्य में हर अभिभावक को एक चुनौती का विषय बन कर रह जाएगा क्या? कोई गरीब अपने बच्चे को अच्छी शिक्षा देने वा ऑफिसर बनाने का सपना सजो सकता है।
सपा मुलायम यूथ ब्रिगेड प्रदेश महासचिव जय सिंह चौहान राजू अपने जारी बयान में कहे हैं की जिस तरह से प्रदेश में शिक्षा का ग्राफ घट रहा है और शिक्षा विभाग में भी अब जिस तरह से व्यापक भ्रष्टाचार फैला हुआ है प्राइवेट विद्यालयों में मनमानी तौर पर अपने कानून विद्यालय संचालक चला रहे हैं यह एक चिंताजनक बात है ।
प्रदेश के मुख्यमंत्री मामा शिवराज हर तखवे के हर बच्चे को अच्छी शिक्षा और स्वास्थ्य देने का दावा किया करते हैं यह उनके कई सभाओं में उनकी घोषणाओं में सुनावा देखा गया है लेकिन मुख्यमंत्री जमीनी हकीकत देखने के लिए उस व्यक्ति तक नहीं पहुंच पाए जिस तरह से उन्होंने शासन के खजाने से पैसे शिक्षा विभाग को सुदृढ़ करने के लिए दे रहे हैं तो क्या वह शिक्षा विभाग वाकई में अंदर से मजबूत हो रहा है या सिर्फ भ्रष्टाचार मैं लिफत अधिकारी लीपापोती करते हैं
*प्राइवेट विद्यालयों में भ्रष्टाचार चरम पर विद्यालय में लगे ऑटो मैजिक में छात्रों को ठूस ठूस कर भरते आरटीओ व ट्रैफिक बनी मूकदर्शक*
आगे सपा नेता श्री सिंह ने कहा कि विद्यालयों की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही है पहले तो विद्यालय संचालकों के गुर्गे वा विद्यालय संचालक अभिभावकों को बहला-फुसलाकर बच्चों का एडमिशन विद्यालय में करेंगे फिर उनसे दबंगई पूर्वक मनमानी तौर पर दोगुनी रास वसूलते हैं और पैसा समय पर ना मिलने से स्थानांतरण प्रमाण पत्र व अंकसूची देने से इंकार कर देते और अभिभावक फिर चाहे जिले के कोई प्रशासनिक दफ्तर का दरवाजा खटखटा है उसकी फरियाद कोई सुनने को तैयार नहीं होता काहे की बात फीस से जुड़ी होती है आखिरकार प्रशासन को पहले जाग तो करनी चाहिए वहीं दूसरी ओर इनके विद्यालयों में लगे सर जलवा पुराने वाहन जो दुर्घटना को नितिन आमंत्रण दे रहे बावजूद इसके उस वाहन ने बच्चों को गाड़ी में लगे बोरे की छल्ले की तरह ठोस ठोस कर भरते हैं जिस मामले को लेकर जिले के किसी भी प्रशासनिक अधिकारी की अब तक नजर नहीं पड़ी वैसे तो जिले की ट्रैफिक पुलिस नितिन चेकिंग लगाया करती है लेकिन ट्रैफिक पुलिस के चेकिंग में ना तो विद्यालय वाहन कभी खड़े मिलते ना ही शायद इनके चालान काटते होंगे ऐसे ही अगर परिवहन विभाग की बात करें दो परिवहन विभाग की चेकिंग कभी सुनने को तो नहीं मिलती दिखने की बात दूर है परिवहन अधिकारी अक्सर शहडोल रहा करते हैं सिर्फ उनका आगमन फाइलों में दस्कता करने वा मोटी रकम लेने के लिए ही आना होता है।
वैसे तो कहा जाता है कि जनता के सेवक हैं लेकिन इनके कार्यप्रणाली से ऐसा नजर आता है कि अधिकारी सिर्फ जनता के भक्षक रह गए।
और शासकीय विद्यालयों की तो बात ही कोसों दूर है शासकीय विद्यालय में स्थितियां और ही बद से बदतर है पहली बात तो शिक्षक विद्यालय में बराबर उपस्थित नहीं होते तो बच्चों को क्या पढ़ाएं जो शिक्षक विद्यालय में जाते भी हैं उनको बच्चों को पढ़ने आना पढ़ने से कोई मतलब नहीं रहता भ्रष्टाचार का आलम यहीं नहीं थमता बच्चों के बने मध्यान भोजन में भी इनकी रूचि नहीं रहती है कभी तो बच्चों को खाने के साथ छिपकली बनाकर दे देते हैं इतने जिम्मेदार है शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारी कोई अपना बच्चा विद्यालय में पढ़ने के लिए भेजता है तो फिर पूरी जिम्मेदारी उस विद्यालय प्रबंधक की होती है और परीक्षा के समय में बच्चों को खुली किताब में सामूहिक नकल कराई जाती है जिसका जीता जागता उदाहरण वर्ष 2023 के ही परीक्षा में सीधी जिले के सिहावल ब्लॉक के एक विद्यालय में सामूहिक नकल का मामला खबरों के माध्यम से प्रकाशन में आया लेकिन अब तक जिला शिक्षा अधिकारी गूंगे और बहरे सिर्फ बनकर रह गए हैं।
और मामा की सरकार इन्हीं और मामा की सरकार इसी शिक्षा व्यवस्था को अच्छी शिक्षा देने की बात करते हैं आप स्थितियां देखकर कयास लगा सकते हैं उक्त बातें सपा मुलायम यूथ ब्रिगेड के प्रदेश महा सचिव वजय सिंह चौहान राजू ने अपने जारी बयान में कहे हैं।