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क्या बदल जाएंगे शादी के रीति रिवाज क्या है यूनिफॉर्म सिविल कोड

देश के सबसे बड़े मुद्दे यूनिफॉर्म सिविल कोर्ट पर देश में सबसे बड़ी बहस चल रही है जिसे देश की जनता नेता एवं संगठनों से अपनी अपनी राय मांगा गया है।

 

 

रिपोर्टर के के विश्वकर्मा

भारत में दो तरह के कानून चल रहे हैं

क्रिमिनल लॉ एवं सिविल लॉ।

क्रिमिनल लॉ:स कानून में चोरी डकैती हत्या अपराध जैसे मामले आते हैं जिसमें व्यक्ति बनाम स्टेट होता है। किसी एक व्यक्ति ने दूसरे महेश नाम के व्यक्ति को चाकू मार दी तो महेश का केस स्टेट लड़तीं है। क्योंकि हत्या महेश कि नहीं समाज के एक नागरिक के साथ हुई जिसकी निर्णय स्टेट करता है। यहां जुर्म करने वाला हिंदू है या मुसलमान यह नहीं देखा जाता और सब पर एक ही जैसा कानून लागू होता है।

*सिविल लॉ*
इस कानून में धार्मिक मामले शादी ब्याह एवं प्रॉपर्टी को लेकर होता है जैसे कि एक ही प्रॉपर्टी पर दो अलग-अलग लोगों ने अपना दावा किया है तो इस मामले को कोर्ट में फैसला किया जाता है की आखिर यह प्रॉपर्टी किसकी है।

देश में कई प्रकार के धर्म मौजूद है जिनके अलग-अलग पर्सनल ला हिंदू के लिए अलग मुसलमानों के लिए अलग और ईसाइयों के लिए अलग कानून है
जैसे कि किसी युद्ध के दौरान या किसी आकस्मिक घटना की वजह से पुरुषों की बड़े तौर पर हत्या या मृत्यु हो जाए तो उस समाज का जेंडर के तौर पर उसका संतुलन बिगड़ जाता है जैसे कि अगर पुरुषों की कमी और महिलाओं की अधिकता हो जाए तो एक पुरुष से कई औरतें शादी कर सकती थी इसी तरह अगर महिलाओं की कमी हो जाए तो एक महिला से कई पुरुष शादी कर सकते थे अब समय के अनुसार समस्या को समान रुप में डालना चाहती है सरकार यही है यूनिफॉर्म सिविल कोड का मुख्य उद्देश्य।

विधि आयोग ने इसी उद्देश्य को लेकर सभी से अपनी राय मांगी है। चोरी डकैती अपराध जमीन सभी मामलों को देखते हुए स्वतंत्रता से पहले अंग्रेजी सरकार ने 1835 में समान नागरिक संहिता की बात कही थी।

इसके बाद भी कई बार इस मुद्दे को उठाया गया लेकिन इस पर कुछ हो नहीं सका 2016 में भी विधि आयोग ने UCC लागू करने की बात कही थी अब एक बार फिर से मुद्दा गरमाया हुआ है सर्वे के अनुसार ज्यादातर लोग UCC के पक्ष में है।

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