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एक बार फिर हुई नोटबंदी जाने कब तक बदले जा सकते हैं आपके पुराने 2000नोट।

भारत दिल्ली, । भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को 2000 रुपये के नोट को सर्कुलेशन से बाहर करने का बड़ा एलान किया है।
जबकि इसका मतलब यह नहीं कि 2000 रुपये के नोट की वैधता समाप्त होगी। फिलहाल 2000 रुपये के नोट चलते रहेंगे। आरबीआई के इस फैसले से एक बार फिर नोटबंदी की यादें ताजा हो जाती हैं।
*इस बार के फैसले से लोगों को किसी भी तरह से परेशान होने की जरूरत नहीं है*, क्‍योंकि फिलहाल 2000 रुपये के नोट बाजार में चलते रहेंगे। आरबीआई ने यह भी कहा कि यह नोट 30 सितंबर तक बैंकों में वापस लिए जा सकेंगे।
इस आर्टिकल में हम आपको ये बताएंगे
कि आखिरकार सरकार ने 2016 में नोटबंदी के साढ़े छह साल बाद यह फैसला क्यों लिया है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने नवंबर 2016 में 2000 के नोट जारी किया था। इन नोट को RBI कानून 1934 की धारा 24(1) के तहत जारी किया गया था। सरकार ने ये फैसला इसलिए लिया था ताकि उस समय बाजार में मौजूद 500 और 1000 रुपये की जो करंसी नोटबंदी के तहत हटाई गई थी,उससे अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर को कम किया जा सके।
आरबीआई द्वारा जारी की गई 2000 की करेंसी की समय सीमा हो चुकी है समाप्त
आरबीआई के मुताबिक 2000 के करीब 89% नोट मार्च 2017 से पहले ही जारी हो गए थे। सरकार का कहना है कि ये नोट चार-पांच साल तक अस्तित्व में रहने की उनकी सीमा पार कर चुके हैं या पार करने वाले हैं। ये भी एक बड़ी वजह है जिसकी वजह से 2000 के नोट को सरकार बैन करने का फैसला किया है।
31 मार्च 2018 को 6.73 लाख करोड़ रुपये के नोट बाजार के सर्कुलेशन में थे। यानी मार्केट में मौजूद कुल नोटों की हिस्सेदारी पहले 37.3% थी। 31 मार्च 2023 तो यह आंकड़ा घटकर 3.62 लाख करोड़ रुपये रह गया। यानि चलन में मौजूद कुल नोटों में से दो हजार रुपये की नोटों की हिस्सेदारी सिर्फ 10.8% ही रह गई है।
2000रुपये के नोट लाने का पूरा मकसद
जब इंडिया में नोटबंदी हुई थी तब सरकार ने 2000 रुपये के नए नोट लाए थे। नोटबंदी में 500 और 1000 रुपये के नोट को बैन कर दिया गया था। बाजार में उतारने के बाद नोट चलन में लाने का उद्देश्य भी पूरा हो गया है। साल 2018-2019 में सरकार ने 2 हजार रुपये के नोट की छपाई बंद कर दी थी।

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